अगर किसी बिल्ली को शेर कह दिया जाए तो क्या उसे जंगल राजा माना जा सकता है ये सुनकर आप कहेंगे कि ये तो मज़ाक है. भारत में इंटरनेट की स्पीड के मामले में हमारा सिस्टम भी...देशवासियों का इसी तरह मज़ाक उड़ा रहा हैं. इस मामले में अब आपके साथ नया मज़ाक ये है कि भारत में 5G नेटवर्क लाने की तैयारी चल रही हैं. आप में से ज़्यादातर लोग यही सोच रहे होंगे कि हमारे देश में 4G तो ठीक से चलता नहीं है और 5G के सपने दिखाए जा रहे हैं.
भारत में मौजूद Telecom कंपनियां...अपनी शानदार 4G स्पीड का दावा करती हैं.. विज्ञापनों में उनका नेटवर्क हिमालय की चोटियों और समुद्र के बीच मौजूद द्वीपों तक, आपका साथ देता है. लेकिन असल ज़िंदगी में भारत के Mobile नेटवर्क आपके मोबाइल फोन तक पहुंचते-पहुंचते.. हांफने लगते हैं. आपने भी महसूस किया होगा कि आपके फोन में कई बार Signal तो पूरे दिखाई देते हैं.. लेकिन Data Download के लिए अच्छी Speed नहीं मिलती. Data तो दूर की बात है.. कई बार तो Call करना भी मुश्किल हो जाता है. ऐसे हालात में भारत के साथ एक मज़ाक और हो गया.. और वो ये - कि भारत में 5G नेटवर्क को लेकर सेमिनार और विमर्श शुरु हो गये हैं. दिल्ली में चल रही Indian Mobile Congress में ये ऐलान किया गया है कि भारत 5G नेटवर्क के लिए जल्द ही तैयार हो जाएगा.
सबसे पहले आप 5G नेटवर्क के सपने और 4G नेटवर्क की सच्चाई के बीच के अंतर को समझिये. इससे आपको ये पता चलेगा कि वर्तमान की सच्चाई और भविष्य के सपने के बीच कितना फ़ासला है.
5G नेटवर्क.... मोबाइल फोन Technology की पांचवीं Generation है जिसे आम बोलचाल की भाषा में 5G कहा जाता है. 4G की तुलना में 5G की इंटरनेट स्पीड 20 से 100 गुना ज़्यादा होती है. 4G इंटरनेट की अधिकतम स्पीड 44.3 Mbps है, लेकिन भारत में इसकी औसत स्पीड 6.07 Mbps है. यानी हमारे देश में नेटवर्क चलता नहीं, बल्कि रेंगता है. इंटरनेट के मामले भारत की स्पीड चींटी की रफ़्तार से भी कम है.
5G... Super High-Frequency Spectrum पर काम करता है, जिससे आप HD यानी High Definition Videos को कुछ सेकेंड में Download या Upload कर सकते हैं. लेकिन दुनिया भर में इंटरनेट स्पीड का विश्लेषण करने वाली संस्था Open Signal के मुताबिक, 4G LTE स्पीड के मामले में भारत 78 देशों की लिस्ट में 76वें नंबर पर है यानी हमारे देश में हमेशा Data download की एक चकरी घूमती रहती है. ये चकरी आपके जीवन का हिस्सा बन गई है.
यहां आपको ये समझना होगा कि 4G की तुलना में 5G तकनीक बिल्कुल अलग है. इसके लिए पूरे देश में नये सिरे Infrastructure लगाने की ज़रूरत पड़ेगी, जिसकी लागत बहुत ज़्यादा आएगी. वर्तमान में देश की Telecom कंपनियां अपने Infrastructure को बेहतर बनाने के बजाए आकर्षक विज्ञापन तैयार करने में पैसा लगाती हैं. वो तेज स्पीड इंटरनेट की सुविधा देने के बजाए इस स्पीड का सपना दिखाने में भरोसा रखती हैं.
सपने देखना और दिखाना अच्छी बात है क्योंकि सपने.....हक़ीक़त की बुनियाद होते हैं... लेकिन इसका दूसरा पहलू ये है कि सपनों को सच करने के लिए आपकी मेहनत और कोशिश.. ईमानदार होनी चाहिए. भारत में इंटरनेट स्पीड और नेटवर्क की गुणवत्ता के मामले में ये ईमानदारी कहीं दिखाई नहीं देती. ऐसे माहौल में आज हमने 5G के सपने और 4G Speed के सच के बीच एक तुलनात्मक अध्ययन किया है. इस विश्लेषण में आपको अपनी ही व्यथा नज़र आएगी.
मुझे आशा है कि आप समझ गए होंगे कि 5G और 4G नेटवर्क की सच्चाई के बीच के अंतर को समझें ऐसे। यदि इस बारे में आपका कोई प्रश्न है तो कृपया हमें कमेंट करें या हमें मेल करें।